आसान भाषा में क्रिया की परिभाषा, भेद, और free Pdf –

दोस्तों अगर आप भी SSCGD , UPSI, RO, ARO, PCS,इत्यादी परीक्षा की तैयारी करते हैं तो हाँ कंटेंट आपको सफ़लता दिलाने में आपकी मदद करेगी और आपका समय बचेगा यह कई किताबें पढ़ें और तब जाकर यह कंटेंट लिख रहे हैं सफलता को सुनिश्चित करने के लिए इसे पूरा जरूर पढ़ें –

आसान भाषा में क्रिया की परिभाषा –

वे शब्द जो किसी कार्य का होना दर्शाते हैं उसे क्रिया कहते हैं या वह शब्द जो किसी कार्य का होना या करना दिखता है क्रिया कहलाता है I

क्रिया के भेद-

कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद हैं-

1.अकर्मक क्रिया I

2.सकर्मक क्रिया I

  1. अकर्मक क्रिया-

ऐसी क्रिया जो कर्म रहित हो अकर्मक क्रिया कहलाती है I

जैसे – उड़ो, कूदना, सोना ,भरना, चलना, बरसना , जागना , डरना, नाचना, बैठना, हसना, जीना, रोना, उछलना, झुकना , दौडना, जाना, नहाना, सजना, तैरना इत्यादी

Note – वाक्य में क्या से प्रश्न करें जवाब ना मिले तो अकर्मक क्रिया होती है I

2. सकर्मक क्रिया-

ऐसी क्रिया जो कर्म के साथ हो सकर्मक क्रिया कहलाती है I

जैस- खाना, गाना ,पकाना ,पीना, देखना, खेलना, धोना, देखना ,बनाना, लिखना, पढ़ना , सुनना इत्यादीI

Note- वाक्य में क्या से प्रश्न करें जवाब मिले तो सकर्मक क्रिया होती है I

चलिए दोस्तों क्रिया के भेद के बारे में चर्चा करते हैं-

क्रिया के भेद-

संरचना के आधार पर-

संरचना के आधार क्रिया के 5 भेद हैं-

1.संयुक्त क्रिया

2.पूर्वकालिक क्रिया

3.प्रेरणार्थक क्रिया

4.नामधातु क्रिया

5.कृदन्त क्रिया

उपयोग और संरचना के आधार पर-

उपयोग और संरचना के 8 भेद हैं

1.समान्य क्रिया

2.संयुक्त क्रिया

3.पूर्वकालिक क्रिया

4.प्रेरणार्थक क्रिया

5.नामधातु क्रिया

6.कृदन्त क्रिया

7. सहायक क्रिया

8.सजातीय क्रिया

1 .समान्य क्रिया-

जब वाक्य में एक कार्य एवं एक क्रिया पद हो। या क्रिया पूरा करने के लिए एक क्रियापद की अवश्यता हो ।

उदाहरण – मोहन पुस्तक पढ़ता है।

बबीता गई I

राम जागा ।

2.संयुक्त क्रिया –

जब एक कार्य के लिए एक से अधिक क्रियापद का प्रयोग हो।

1.रमेश पाठ पढ़ लिया।

2. वह मुझे मार डालेगी I

3. मोहन लगान ले जायेगा।

4. विक्रम ने नास्ता कर लिया।

5.वह संस्कृत बोल सकता है।

6.तुम महाभारत पढ्ने लगे थे।

3.पूर्वकालिक क्रिया –

दो कार्य दो क्रियापद । या जब एक कार्य के तुरंत बाद इसरे कार्य का होना I

उदाहरण – मोहन पाठक सो गया।

वह खेलकर पढ़ने लगा

वह चाय पीकर सो गया।

राम अभी सोकर उठा है।

चूहा पेट पर चढ़ाकर फुदकने लगा।

4.प्रेरणार्थक क्रिया-

ऐसे वाक्य में 2 कर्ता होता है – एक कार्य करेगा > दूसरा कार्य करवाएंगा

उदाहरण – माँ बेटी से भोजन बनवाती है।

मालिक नौकर से कार चलवाया।

रमेश ने नवीन से सब्जी बनबाई ।

अध्यापक ने विद्यार्थी से पीटी करवायी।

मालिक ने माली से पौधे मे पानी दिलवाया ।

5 .नामधातु क्रिया-

नाम धातु क्रिया > संज्ञा / सर्वनाम / विषेशण + प्रत्यय।

जब संज्ञा सर्वनाम या विशेषण के साथ प्रत्यय आयें तब नाम धातु क्रिया होती है I

उदाहरण – चमक >चमकना, चमकाना, चमकता, चमकाएगा

लज्जा > लजाना लजियाना

रंग > रंगना रंगाना

अपना > अपनाना अपनाता अपनाएगा

6.कृदन्त क्रिया –

धातु / क्रिया मे ने प्रत्यय के अलावा अन्य प्रत्यय जोड़ने से बनी क्रिया कृदन्त क्रिया होती है।

धातु /क्रिया + प्रत्यय

उदाहरण – चल+ता > चलता

. चल + कर > चलकर ।

जीत + एगा > जीतेगा।

7 .सहायक क्रिया –

मुख्य क्रिया की सहायता करने वाली । काल का परिचायक होती है।

उदाहरण – है, हूँ ,हो ,था ,थे , थी, होगा, होगी होगे, आदि

8.सजातीय क्रिया-

कर्म एवं क्रिया एक ही धातु से बना होगा। या समान जाति की क्रिया ।

उदाहरण -राम ने लडाई लड़ी

मैने चाल चली

हमने खाना खाया।

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Conclusion

दोस्तों हममें आशा है आपको हिंदी व्याकरण का क्रिया टॉपिक अच्छे से समझ में आ गया होगा यदि आप कोई भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आप इसे पढ़ सकते हैं और अपनी परीक्षा में सफलता को सुनिश्चित कर सकते हैं I

FAQ –

क्रिया किसे कहते हैं, कितने भेद होते हैं?

वे शब्द जो किसी कार्य का होना दर्शाते हैं उसे क्रिया कहते हैं 8 भेद है

क्रिया कैसे पहचाने?

वाक्य के अंत में होती है

अकर्मक और सकर्मक क्रिया क्या होती है?

कर्म रहित और कर्म साहित

क्रिया के कुल कितने प्रकार होते हैं?

8

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