दोस्तों अगर आप SSC GD ,UPSI ,UP POLICE, RO ,ARO , CIVIL SERVICES आदि परीक्षाओं की तैयारी करते हैं और आप विशेषण के बारे में पढ़ना चाहते हैं आप यह आर्टिकल पढकर अपने कन्फ्यूजन को दूर कर सकते हैं और अपनी तैयारी को बेहतर बना सकते हैं इस लेख में अनेक किताबो का संग्रह है जिसे आप कलात्मक रूप से पढ़कर अपनी सफलता को सुनिश्चित कर सकते हैं –
विशेषण की परिभाषा –
वे विकारी शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम कि विशेषता बताते है विशेषण कहलाते हैं I
विशेष्य –
विशेष्य वह शब्द होता है जो संज्ञा के विशेषण की भूमिका निभाता है, यानी वह संज्ञा को विशिष्ट करता है।
उदाहरण – “सुंदर फूल” में “सुंदर” विशेष्य है, जो “फूल” की विशेषता को दर्शाता है।
प्राविशेषण –
विशेषण की विशेषता बताने वाले को प्राविशेषण कहते हैं I
उदाहरण – “बहुत सुन्दर बालक” वाक्य में बहुत प्राविशेषण हैं
विशेषण के भेद –
विशेषण के 5 भेद हैं –
1.गुणवाचक विशेषण
2 .सांख्यवाचक विशेषण
3.परिमाण वाचक विशेषण
4. संकेत वाचक य सर्वनामिक विशेषण
5.व्यक्तिवाचक विशेषण
1.गुणवाचक विशेषण –
ऐसा विशेषण जो ( गुण दोष रंग रूप आकार दशा इत्यादी ) को बताता है गुणवाचक विशेषण कहलाता है I
उदाहरण- इमानदार बालक
बेइमान व्यक्ति
काला पेन
मोटी पुस्तक
गर्म पानी
2 .सांख्यवाचक विशेषण –
ऐसा सर्वनाम जिसमें सांख्य का बोध होता है सांख्यवाचक विशेषण कहते हैं I
गणनावाचक – एक, दो, चार आदि
आवृति वाचक – दोगुना , तीनगुना , आदि
क्रमवाचक -पहला , दूसरा ,आदि
समुह या समुदायवाचक – तीनो , सभी तीनो ,आदि
अनिश्चित् सांख्यवाची- कुछ आदमी, पाँच-छह आदमी, आदि
3.परिमाण वाचक विशेषण –
मात्रा / माप तौल जैसे – इकाई – लीटर /ML / Km /मीटर /किलोग्राम आदि का बोध होता है I
उदाहरण – 5 लीटर दूध
2 किलो अनाज
5 किमी रास्ता
कुछ किलो अनाज
4. संकेत वाचक य विशेषण –
क्योंकि संज्ञा और सर्वनाम साथ साथ नहीं आ सकते हैं इसलिये संकेत वाचक सर्वनाम को संकेत वाचक विशेषण कहा जाता है I
उदाहरण – यह पुस्तक मेरी है वाक्य में यः संकेत वाचक सर्वनाम है I
5.व्यक्तिवाचक विशेषण –
यदि किसी संज्ञा शब्द के साथ प्रत्यय जोड़ दिया जाए और नया बना शब्द अन्य शब्द की विशेषता बताये तो उसे व्यक्तिवाचक विशेषण कहेंगे I
संज्ञा व्यक्तिवाचक विशेषण
धर्म. धार्मिक
समाज. समाजिक
जयपुर. जयपुरी
भारत. भारतीय
विशेषण के विशेषता की अवस्था –
तुलना के आधार पर –
- मूलअवस्था.
- उत्तरावस्था
- उत्तमावस्था
1.मूलअवस्था –
अन्य संज्ञा / सर्वनाम से कोई तुलना नही I
विशेषण शब्द मूलरूप में होता है।
उदाहरण -राम होशियार है >. यहां राम की तुलना नहीं की जा रही है
मोहन चालक है >यहां भी मोहन की तुलना नहीं की जा रही है
2.उत्तरावस्था –
दो संज्ञा / सर्वनाम मे परस्पर तुलना I
मूलअवस्था से उत्तरा वस्था बनाने के नियम-
- या तो विशेषण शब्द से ठीक पहले “से ” पद लिखा जाता है।
- या फिर विशेषण के साथ “तर” प्रत्यय जोड़ दिया जाता है।
3 .उत्तमावस्था –
उत्तमावस्था में एक की तुलना सभी से की जाती है I
मूल अवस्था से उत्तम अवस्था बनाने का नियम –
- या तो विशेषण शब्द से ठीक पहले “सबसे “पद का प्रयोग I
- या फिर विशेषण के साथ “तम” प्रत्यय जोड दिया जाता है।
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विशेषण किसे कहते हैं और कितने भेद हैं?
संज्ञा या सर्वनाम की विशेष बाते शब्द को विशेषण कहते हैं यह पांच प्रकार का होता है
विशेषण के 5 प्रकार कौन से हैं?
गुणवाचक विशेषण. सांख्यवाचक विशेषण. परिमाण वाचक विशेषण. संकेत वाचक य विशेषण. व्यक्तिवाचक विशेषण
संख्यावाचक विशेषण क्या होता है?
संख्या का बोध होता है I
CONCLUSION –
दोस्तों हमें आशा है कि आपका यह चैप्टर समझ में आएगा बहुत ही मेहनत लगा कर यह आर्टिक्ल लिखा गया है अगर इसमें कुछ गलतियां होंगी तो हमें क्षमा करने की महान कृपा करें यह आर्टिकल आपके ज्ञान के पॉइंट ऑफ व्यू से बहुत ही महत्वपूर्ण है क्या आर्टिकल को पढ़ाकर आप अपनी परीक्षा में सफलता से कुछ निश्चित कर सकते हैं I दोस्तों यदि आप संज्ञा सर्वनाम क्रिया पढना चाहते हैं तो targetdost पर पढ़ सकते हैं